सक्रिय परिवहन (Active Transport) और वेसिकुलर परिवहन (Vesicular Transport)
कोशिकाओं में पदार्थों का आवागमन (Transport) जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम सक्रिय परिवहन (Active Transport) और वेसिकुलर परिवहन (Vesicular Transport) के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। हम प्राथमिक सक्रिय परिवहन (Primary Active Transport), द्वितीयक सक्रिय परिवहन (Secondary Active Transport), एंडोसाइटोसिस (Endocytosis), और एक्सोसाइटोसिस (Exocytosis) को भी समझेंगे। इन अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए वास्तविक जीवन के उदाहरण भी दिए जाएंगे।
सक्रिय परिवहन (Active Transport)
सक्रिय परिवहन (Active Transport) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अणुओं को उनकी सांद्रता प्रवणता (Concentration Gradient) के विपरीत (निम्न से उच्च सांद्रता की ओर) ले जाने के लिए ऊर्जा (आमतौर पर ATP के रूप में) की आवश्यकता होती है। यह प्रक्रिया कोशिकाओं में आयनों और अणुओं के संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
प्राथमिक सक्रिय परिवहन (Primary Active Transport)
प्राथमिक सक्रिय परिवहन (Primary Active Transport) में अणुओं को सीधे ATP के हाइड्रोलिसिस (Hydrolysis) से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग करके उनकी सांद्रता प्रवणता के विपरीत ले जाया जाता है। इस प्रक्रिया में आयन पंप (Ion Pumps) शामिल होते हैं, जो ATP का उपयोग करके आयनों को झिल्ली के पार ले जाते हैं।
उदाहरण:
- सोडियम-पोटैशियम पंप (Na⁺/K⁺ ATPase): यह पंप तीन सोडियम आयनों (Na⁺) को कोशिका से बाहर और दो पोटैशियम आयनों (K⁺) को कोशिका के अंदर ले जाता है। यह प्रक्रिया कोशिका के विश्राम झिल्ली विभव (Resting Membrane Potential) को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
वास्तविक जीवन उदाहरण:
- तंत्रिका कोशिकाओं (Nerve Cells) में सोडियम-पोटैशियम पंप तंत्रिका आवेगों (Nerve Impulses) के संचरण के लिए आवश्यक है। इसके बिना, न्यूरॉन्स एक्शन पोटेंशियल उत्पन्न नहीं कर सकते, जिससे मांसपेशी कमजोरी और पक्षाघात हो सकता है।
द्वितीयक सक्रिय परिवहन (Secondary Active Transport)
द्वितीयक सक्रिय परिवहन (Secondary Active Transport) में अणुओं को उनकी सांद्रता प्रवणता के विपरीत ले जाने के लिए प्राथमिक सक्रिय परिवहन द्वारा बनाए गए आयन प्रवणता (Ion Gradient) का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक अणु (जैसे सोडियम) को उसकी प्रवणता के अनुसार ले जाया जाता है, जिससे दूसरे अणु (जैसे ग्लूकोज) को उसकी प्रवणता के विपरीत ले जाने के लिए ऊर्जा मिलती है।
उदाहरण:
- सोडियम-ग्लूकोज सिम्पोर्टर (Sodium-Glucose Symporter): यह प्रोटीन सोडियम आयनों को उनकी प्रवणता के अनुसार ले जाता है, जिससे ग्लूकोज को उसकी प्रवणता के विपरीत ले जाने के लिए ऊर्जा मिलती है। यह प्रक्रिया आंतों में ग्लूकोज के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण है।
वास्तविक जीवन उदाहरण:
- आंतों में सोडियम-ग्लूकोज सिम्पोर्टर ग्लूकोज को रक्तप्रवाह में ले जाने में मदद करता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है।

वेसिकुलर परिवहन (Vesicular Transport)
वेसिकुलर परिवहन (Vesicular Transport) में बड़े अणु या कण कोशिका झिल्ली के पार वेसिकल्स (छोटे थैली जैसे संरचनाएं) के माध्यम से ले जाए जाते हैं। यह प्रक्रिया ऊर्जा-निर्भर होती है और प्रोटीन, हार्मोन और न्यूरोट्रांसमीटर जैसे बड़े अणुओं के परिवहन के लिए उपयोग की जाती है। इसके दो मुख्य प्रकार हैं:
एंडोसाइटोसिस (Endocytosis)
एंडोसाइटोसिस (Endocytosis) में कोशिका झिल्ली बाहरी पदार्थ को घेर लेती है और एक वेसिकल बनाती है जो पदार्थ को कोशिका के अंदर ले जाती है। इसके तीन प्रकार हैं:
- फैगोसाइटोसिस (Phagocytosis): “कोशिका भक्षण” – कोशिका बैक्टीरिया जैसे बड़े कणों को निगल लेती है।
- उदाहरण: श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells) फैगोसाइटोसिस का उपयोग करके रोगजनकों (Pathogens) को नष्ट करती हैं।
- पिनोसाइटोसिस (Pinocytosis): “कोशिका पीना” – कोशिका तरल और घुले हुए पदार्थों को अंदर लेती है।
- उदाहरण: कोशिकाएं पिनोसाइटोसिस का उपयोग करके पोषक तत्वों को अवशोषित करती हैं।
- रिसेप्टर-मध्यस्थ एंडोसाइटोसिस (Receptor-Mediated Endocytosis): विशेष अणु कोशिका सतह पर रिसेप्टर्स से जुड़ते हैं और फिर अंदर ले जाए जाते हैं।
- उदाहरण: कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) LDL रिसेप्टर्स के माध्यम से कोशिकाओं में लिया जाता है।
एक्सोसाइटोसिस (Exocytosis)
एक्सोसाइटोसिस (Exocytosis) में कोशिका के अंदर मौजूद वेसिकल्स कोशिका झिल्ली से जुड़कर अपना सामग्री कोशिका के बाहर छोड़ते हैं। यह प्रक्रिया हार्मोन, न्यूरोट्रांसमीटर और पाचक एंजाइमों के स्राव के लिए उपयोग की जाती है।
उदाहरण:
- इंसुलिन का स्राव: अग्न्याशय की बीटा कोशिकाएं (Pancreatic Beta Cells) इंसुलिन को एक्सोसाइटोसिस के माध्यम से रक्तप्रवाह में छोड़ती हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
वास्तविक जीवन उदाहरण:
- जब आप भोजन करते हैं, तो आपका अग्न्याशय एक्सोसाइटोसिस के माध्यम से इंसुलिन को रक्तप्रवाह में छोड़ता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
तालिका: सक्रिय परिवहन और वेसिकुलर परिवहन की तुलना (Comparison of Active Transport and Vesicular Transport)
पैरामीटर | सक्रिय परिवहन (Active Transport) | वेसिकुलर परिवहन (Vesicular Transport) |
परिभाषा | अणुओं को उनकी सांद्रता प्रवणता के विपरीत ले जाने के लिए ऊर्जा(ATP) का उपयोग करना। | बड़े अणुओं को वेसिकल्स के माध्यम से झिल्ली के पारले जाना। |
ऊर्जा कीआवश्यकता | ऊर्जा (ATP) की आवश्यकता होती है। | ऊर्जा (ATP) की आवश्यकता होती है। |
उदाहरण | सोडियम-पोटैशियम पंप (Na⁺/K⁺ ATPase), सोडियम-ग्लूकोजसिम्पोर्टर। | इंसुलिन का स्राव (एक्सोसाइटोसिस), बैक्टीरिया काभक्षण (फैगोसाइटोसिस)। |
महत्व | कोशिकाओं में आयनों और अणुओं का संतुलन बनाए रखने के लिएआवश्यक है। | बड़े अणुओं (जैसे प्रोटीन, हार्मोन) के परिवहन और स्रावके लिए आवश्यक है। |
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निष्कर्ष (Conclusion)
सक्रिय परिवहन (Active Transport) और वेसिकुलर परिवहन (Vesicular Transport) दोनों ही कोशिकाओं में पदार्थों के आवागमन के महत्वपूर्ण तंत्र हैं। सक्रिय परिवहन अणुओं को उनकी सांद्रता प्रवणता के विपरीत ले जाने के लिए ऊर्जा का उपयोग करता है, जबकि वेसिकुलर परिवहन बड़े अणुओं को वेसिकल्स के माध्यम से ले जाता है। इन प्रक्रियाओं को समझने से हम कोशिकाओं के कार्य और शरीर के संतुलन को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
वास्तविक जीवन उदाहरण:
- सक्रिय परिवहन: सोडियम-पोटैशियम पंप तंत्रिका आवेगों के संचरण के लिए आवश्यक है।
- वेसिकुलर परिवहन: इंसुलिन का स्राव (एक्सोसाइटोसिस) रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
इस प्रकार, ये परिवहन तंत्र हमारे शरीर की कोशिकाओं के लिए आवश्यक पदार्थों के आवागमन को संभव बनाते हैं और हमारे शरीर के संतुलन को बनाए रखते हैं।