Obstetrics and Gynecology, Radiology and Ophthalmology
(प्रसूति एवं स्त्री रोग, रेडियोलॉजी और नेत्र विज्ञान)
NEXT EXAM MBBS के तहत प्रसूति एवं स्त्री रोग (Obstetrics and Gynecology) मुख्य विषय है, जिसमें रेडियोलॉजी सहायक विषय के रूप में शामिल है। इसके अलावा, रेडियोलॉजी और नेत्र विज्ञान (Radiology and Ophthalmology) एक लघु विषय के रूप में परीक्षा में शामिल किया गया है। इस खंड का उद्देश्य उम्मीदवारों की महिला स्वास्थ्य, गर्भावस्था, प्रसव, प्रसवोत्तर देखभाल, इमेजिंग तकनीकों और नेत्र विज्ञान की गहरी समझ का परीक्षण करना है।
मुख्य विषय: प्रसूति एवं स्त्री रोग
(Obstetrics & Gynecology)
अवलोकन
प्रसूति एवं स्त्री रोग महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, गर्भावस्था, प्रसव, और स्त्रीरोग संबंधी विकारों से संबंधित है। इसमें उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था, बांझपन, स्त्री रोग संबंधी कैंसर और हार्मोनल विकारों का अध्ययन शामिल है।
प्रसूति एवं स्त्री रोग (Obstetrics & Gynecology) – महिला स्वास्थ्य से जुड़े रोग एवं स्थितियाँ
बीमारी / स्थिति | कारण, लक्षण और जोखिम कारक | निदान और उपचार |
---|---|---|
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) | 🔹 कारण: हार्मोनल असंतुलन, आनुवंशिकता, मोटापा। 🔹 लक्षण: अनियमित माहवारी, चेहरे पर अधिक बाल आना, वजन बढ़ना। |
✅ निदान: अल्ट्रासाउंड, हार्मोनल ब्लड टेस्ट। ✅ उपचार: वजन नियंत्रण, मेटफॉर्मिन, ओव्यूलेशन इंड्यूसर। |
एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) | 🔹 कारण: एंडोमेट्रियल ऊतक का असामान्य विकास। 🔹 लक्षण: दर्दनाक माहवारी, पेल्विक दर्द, इनफर्टिलिटी। |
✅ निदान: लेप्रोस्कोपी, एमआरआई। ✅ उपचार: हार्मोनल थेरेपी, दर्द निवारक, सर्जरी। |
गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएँ (Pregnancy Complications – Preeclampsia, Eclampsia) | 🔹 कारण: उच्च रक्तचाप, मोटापा, पहली गर्भावस्था। 🔹 लक्षण: सिरदर्द, धुंधला दिखना, उच्च रक्तचाप, पैरों में सूजन। |
✅ निदान: ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग, प्रोटीन यूरिया टेस्ट। ✅ उपचार: दवाइयाँ (एंटी-हाइपरटेंसिव), सी-सेक्शन अगर जरूरी हो। |
फाइब्रॉइड्स (Uterine Fibroids) | 🔹 कारण: हार्मोनल असंतुलन, आनुवंशिकता। 🔹 लक्षण: भारी माहवारी, पेट में गांठ, पेशाब की समस्या। |
✅ निदान: पेल्विक अल्ट्रासाउंड, एमआरआई। ✅ उपचार: हार्मोनल थेरेपी, मायोमेक्टॉमी, हिस्टेरेक्टॉमी। |
प्रमुख विषय
विषय | विवरण | उदाहरण |
---|---|---|
गर्भावस्था देखभाल | प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल | एक गर्भवती महिला की नियमित सोनोग्राफी |
उच्च जोखिम गर्भावस्था | गर्भावस्था संबंधी जटिलताएँ | प्रीक्लेम्पसिया से पीड़ित महिला का उपचार |
डिलीवरी और प्रसव प्रबंधन | सामान्य प्रसव और सिजेरियन सेक्शन | आपातकालीन सी-सेक्शन की स्थिति |
बांझपन उपचार | आईवीएफ और हार्मोनल थेरेपी | 35 वर्षीय महिला की आईवीएफ प्रक्रिया |
स्त्री रोग संबंधी विकार | पीसीओएस, एंडोमेट्रियोसिस | 28 वर्षीय महिला को PCOS का निदान |
वास्तविक जीवन उदाहरण
- 30 वर्षीय महिला को उच्च रक्तचाप और सूजन की समस्या थी। परीक्षण के बाद, उसे प्रीक्लेम्पसिया का निदान हुआ। उचित दवा और निगरानी से उसकी सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित की गई।
- अतिरिक्त उदाहरण: एक 40 वर्षीय महिला को अनियमित माहवारी और गर्भधारण में कठिनाई हो रही थी। जाँच करने पर पीसीओएस का निदान हुआ और उसे हार्मोनल थेरेपी दी गई।
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सहायक विषय
रेडियोलॉजी
अवलोकन
रेडियोलॉजी में विभिन्न इमेजिंग तकनीकों का उपयोग करके शरीर के आंतरिक अंगों की संरचना और रोगों का अध्ययन किया जाता है। इसमें एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई शामिल हैं।
रेडियोलॉजी (Radiology) – इमेजिंग तकनीकें और निदान
तकनीक / स्थिति | विवरण और उपयोग | फायदे और जोखिम |
---|---|---|
एक्स-रे (X-Ray) | 🔹 हड्डियों और फेफड़ों की समस्याओं के निदान में उपयोगी। 🔹 उपयोग: फ्रैक्चर, निमोनिया, टीबी, बोन डेंसिटी टेस्ट। |
✅ फायदे: त्वरित निदान, आसानी से उपलब्ध। ❌ जोखिम: अत्यधिक एक्सपोज़र से विकिरण का खतरा। |
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound – USG) | 🔹 ध्वनि तरंगों द्वारा शरीर के आंतरिक अंगों का अध्ययन। 🔹 उपयोग: गर्भावस्था, किडनी स्टोन, गॉलब्लैडर स्टोन। |
✅ फायदे: सुरक्षित, बिना विकिरण के। ❌ जोखिम: मोटापे में स्पष्ट इमेज न आना। |
सीटी स्कैन (CT Scan – Computed Tomography) | 🔹 3D इमेजिंग तकनीक, शरीर के अंदरूनी अंगों को स्पष्ट रूप से दिखाता है। 🔹 उपयोग: कैंसर, ब्रेन हेमरेज, लिवर रोग। |
✅ फायदे: विस्तृत इमेजिंग। ❌ जोखिम: विकिरण जोखिम, महंगा। |
एमआरआई (MRI – Magnetic Resonance Imaging) | 🔹 मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो वेव्स द्वारा शरीर की इमेजिंग। 🔹 उपयोग: न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, हड्डियों के ट्यूमर, लिगामेंट इंजरी। |
✅ फायदे: साफ और विस्तृत इमेजिंग। ❌ जोखिम: महंगा, क्लॉस्ट्रोफोबिया (संकीर्ण स्थान का डर)। |
मेमोग्राफी (Mammography) | 🔹 ब्रेस्ट कैंसर का शीघ्र पता लगाने के लिए उपयोगी। 🔹 उपयोग: 40+ उम्र की महिलाओं के लिए आवश्यक स्क्रीनिंग। |
✅ फायदे: जल्दी निदान, कैंसर से बचाव में मदद। ❌ जोखिम: विकिरण एक्सपोजर। |
मुख्य विषय
- एक्स-रे और उसकी व्याख्या
- अल्ट्रासाउंड और इसके अनुप्रयोग
- सीटी स्कैन और एमआरआई
- इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी
- कैंसर की इमेजिंग और बायोप्सी
वास्तविक जीवन उदाहरण
- 35 वर्षीय पुरुष को पेट दर्द था, जिसके कारण डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड करवाया। रिपोर्ट में गॉल ब्लैडर स्टोन पाया गया और आगे की सर्जरी की योजना बनाई गई।
- अतिरिक्त उदाहरण: 50 वर्षीय व्यक्ति को लगातार सिरदर्द हो रहा था। एमआरआई में ब्रेन ट्यूमर का पता चला और तत्काल उपचार शुरू किया गया।

(प्रसूति एवं स्त्री रोग, रेडियोलॉजी और नेत्र विज्ञान)
लघु विषय: नेत्र विज्ञान
(Ophthalmology)
अवलोकन
नेत्र विज्ञान आँखों के विकारों, दृष्टि संबंधी समस्याओं और नेत्र शल्य चिकित्सा से संबंधित है।
नेत्र विज्ञान (Ophthalmology) – आँखों के रोग और उपचार
बीमारी / स्थिति | कारण, लक्षण और जोखिम कारक | निदान और उपचार |
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मायोपिया (Myopia – निकट दृष्टि दोष) | 🔹 कारण: आनुवंशिकता, डिजिटल स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग। 🔹 लक्षण: दूर की चीजें धुंधली दिखना। |
✅ निदान: रेटिनल स्कैन, विज़न टेस्ट। ✅ उपचार: चश्मा, LASIK सर्जरी। |
हाइपरोपिया (Hyperopia – दूर दृष्टि दोष) | 🔹 कारण: आँख की लंबाई छोटी होना। 🔹 लक्षण: नजदीक की चीजें धुंधली दिखना। |
✅ निदान: विज़न टेस्ट। ✅ उपचार: चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस। |
ग्लूकोमा (Glaucoma) | 🔹 कारण: आँखों में उच्च दाब, आनुवंशिकता। 🔹 लक्षण: धुंधली दृष्टि, सिरदर्द, आँखों में दर्द। |
✅ निदान: टोनोमेट्री टेस्ट, आँखों का दबाव मापना। ✅ उपचार: आई ड्रॉप्स, सर्जरी। |
कैटरैक्ट (Cataract – मोतियाबिंद) | 🔹 कारण: उम्र बढ़ना, डायबिटीज, सूर्य की यूवी किरणें। 🔹 लक्षण: धुंधली दृष्टि, रात में देखने में परेशानी। |
✅ निदान: स्लिट लैम्प एग्जामिनेशन। ✅ उपचार: सर्जरी (IOL – Intraocular Lens Implant)। |
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis – आँख आना) | 🔹 कारण: वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, एलर्जी। 🔹 लक्षण: लाल आँखें, पानी आना, खुजली। |
✅ निदान: आँखों की जांच। ✅ उपचार: एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स, साफ-सफाई। |
मुख्य विषय
विषय | विवरण | उदाहरण |
---|---|---|
रेटिनल विकार | डायबिटिक रेटिनोपैथी, एआरएमडी | एक मधुमेह रोगी को दृष्टि धुंधली होने की शिकायत |
कॉन्टैक्ट लेंस और रिफ्रैक्टिव एरर | मायोपिया, हाइपरोपिया | 20 वर्षीय छात्र को चश्मे की जरूरत |
ग्लूकोमा | आईओपी में वृद्धि और दृष्टि हानि | 60 वर्षीय व्यक्ति को बढ़े हुए आई प्रेशर का निदान |
कैटरैक्ट | मोतियाबिंद और सर्जरी | 70 वर्षीय महिला को मोतियाबिंद हटाने की सर्जरी |
नेत्र शल्य चिकित्सा | LASIK, कॉर्नियल ट्रांसप्लांट | 25 वर्षीय युवक को LASIK सर्जरी द्वारा चश्मा हटाया गया |
वास्तविक जीवन उदाहरण
- 65 वर्षीय महिला को आँखों के सामने धुंधलापन महसूस हो रहा था। जाँच के बाद, उसे मोतियाबिंद का निदान हुआ और सर्जरी के बाद उसकी दृष्टि में सुधार हुआ।
- अतिरिक्त उदाहरण: 40 वर्षीय व्यक्ति को रात के समय देखने में दिक्कत हो रही थी। परीक्षण के बाद ग्लूकोमा का निदान हुआ और उसे समय पर उपचार दिया गया।
निष्कर्ष: NEXT EXAM MBBS के इस भाग में प्रसूति एवं स्त्री रोग, रेडियोलॉजी और नेत्र विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। इन सभी विषयों की गहरी समझ, केस स्टडीज और MCQs का अभ्यास परीक्षा में सफलता सुनिश्चित करने में सहायक हो सकता है।