गति के नियम (Laws of Motion) | Next Exam Notes in Hindi

गति के नियम भौतिक विज्ञान की आधारभूत अवधारणाएँ हैं जो वस्तुओं की गति और उन पर लगने वाले बलों के बीच संबंध को समझाते हैं। इस इकाई में हम न्यूटन के गति के तीन नियमों, संवेग, बल, घर्षण, और वृत्तीय गति की गतिशीलता के बारे में अध्ययन करेंगे। साथ ही, हम इन अवधारणाओं को वास्तविक जीवन के उदाहरणों से समझेंगे।


बल और जड़त्व (Force and Inertia)

  • बल (Force): बल एक ऐसी वस्तु है जो किसी वस्तु की स्थिति या गति को बदल सकती है। यह एक सदिश राशि है जिसका SI मात्रक न्यूटन (N) है।
  • जड़त्व (Inertia): जड़त्व किसी वस्तु का वह गुण है जो उसकी गति की स्थिति को बनाए रखता है। यह वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करता है।

वास्तविक जीवन उदाहरण: जब एक गाड़ी अचानक रुकती है, तो यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं। यह जड़त्व का उदाहरण है।


न्यूटन का पहला नियम (Newton’s First Law of Motion)

नियम: यदि किसी वस्तु पर कोई बाह्य बल नहीं लगाया जाता है, तो वह वस्तु या तो विरामावस्था में रहेगी या एक सरल रेखा में एकसमान गति करती रहेगी।
इसे जड़त्व का नियम भी कहा जाता है।

वास्तविक जीवन उदाहरण: एक कार जब अचानक ब्रेक लगाती है, तो यात्री आगे की ओर झुक जाते हैं। यह न्यूटन के पहले नियम को दर्शाता है।


संवेग (Momentum)

संवेग किसी वस्तु के द्रव्यमान और उसके वेग का गुणनफल होता है। यह एक सदिश राशि है।
सूत्र:
संवेग (p) = द्रव्यमान (m) × वेग (v)
जहाँ:

  • p = संवेग
  • m = द्रव्यमान
  • v = वेग

वास्तविक जीवन उदाहरण: एक भारी ट्रक और एक हल्की कार समान वेग से चल रही हैं, तो ट्रक का संवेग अधिक होगा क्योंकि उसका द्रव्यमान अधिक है।


न्यूटन का दूसरा नियम (Newton’s Second Law of Motion)

नियम: किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए बल के समानुपाती होती है और यह परिवर्तन बल की दिशा में होता है।
सूत्र:
बल (F) = द्रव्यमान (m) × त्वरण (a)
या
F = m × a

वास्तविक जीवन उदाहरण: एक फुटबॉल को जितना अधिक बल से मारा जाएगा, वह उतनी ही तेजी से गति करेगा।


आवेग (Impulse)

आवेग बल और समय अंतराल का गुणनफल होता है। यह संवेग में परिवर्तन के बराबर होता है।
सूत्र:
आवेग (J) = बल (F) × समय (Δt)
या
J = F × Δt

वास्तविक जीवन उदाहरण: क्रिकेट में बल्लेबाज गेंद को हिट करते समय आवेग का उपयोग करता है।


न्यूटन का तीसरा नियम (Newton’s Third Law of Motion)

नियम: प्रत्येक क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
सूत्र:
क्रिया बल = -प्रतिक्रिया बल

वास्तविक जीवन उदाहरण: जब आप जमीन पर चलते हैं, तो आपके पैर जमीन पर बल लगाते हैं और जमीन आप पर विपरीत बल लगाती है।


रेखीय संवेग का संरक्षण (Law of Conservation of Linear Momentum)

नियम: यदि किसी निकाय पर कोई बाह्य बल नहीं लगाया जाता है, तो उस निकाय का कुल रेखीय संवेग संरक्षित रहता है।
सूत्र:
m1 × v1 + m2 × v2 = m1 × u1 + m2 × u2

वास्तविक जीवन उदाहरण: दो गेंदों का टकराव, जहाँ टक्कर के बाद भी कुल संवेग समान रहता है।

गति के नियम
गति के नियम

समवर्ती बलों का संतुलन (Equilibrium of Concurrent Forces)

जब किसी वस्तु पर लगने वाले सभी बलों का परिणामी बल शून्य होता है, तो वस्तु संतुलन में होती है।
शर्त:
सभी बलों का योग = 0

वास्तविक जीवन उदाहरण: एक लटकता हुआ दीपक जो गुरुत्वाकर्षण और तनाव बल के कारण संतुलन में होता है।


घर्षण (Friction)

घर्षण एक ऐसा बल है जो दो सतहों के बीच सापेक्ष गति का विरोध करता है। यह दो प्रकार का होता है:

  1. स्थैतिक घर्षण (Static Friction): जब वस्तु विरामावस्था में होती है।
  2. गतिज घर्षण (Kinetic Friction): जब वस्तु गति में होती है।

घर्षण के नियम:

  • घर्षण बल सतह के लंबवत प्रतिक्रिया बल के समानुपाती होता है।
  • घर्षण बल सतहों की प्रकृति पर निर्भर करता है।

वास्तविक जीवन उदाहरण: ब्रेक लगाने पर कार का रुकना घर्षण के कारण होता है।

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वृत्तीय गति की गतिशीलता (Dynamics of Uniform Circular Motion)

जब कोई वस्तु एकसमान चाल से वृत्तीय पथ पर गति करती है, तो उस पर केंद्र की ओर एक बल कार्य करता है, जिसे अभिकेंद्रीय बल (Centripetal Force) कहा जाता है।
सूत्र:
अभिकेंद्रीय बल (Fc) = (द्रव्यमान (m) × वेग² (v²)) / त्रिज्या (r)
या
Fc = (m × v²) / r

वास्तविक जीवन उदाहरण:

  1. सपाट सड़क पर वाहन: जब एक कार सपाट सड़क पर मोड़ लेती है, तो घर्षण बल अभिकेंद्रीय बल प्रदान करता है।
  2. बैंकिंग सड़क: बैंकिंग सड़क पर वाहन का मोड़ लेना आसान होता है क्योंकि अभिकेंद्रीय बल को सामान्य बल और घर्षण बल दोनों से प्राप्त किया जाता है।

निष्कर्ष: गति के नियम भौतिक विज्ञान की मूलभूत अवधारणाएँ हैं जो हमें वस्तुओं की गति और उन पर लगने वाले बलों के बीच संबंध को समझने में मदद करते हैं। न्यूटन के तीन नियम, संवेग का संरक्षण, घर्षण, और वृत्तीय गति की गतिशीलता जैसी अवधारणाएँ हमारे दैनिक जीवन में व्यापक रूप से लागू होती हैं। इन्हें समझकर हम प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अधिक प्रगति कर सकते हैं।

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